नवीन कार्यालय किंवा व्यवसायाच्या शुभारंभासाठी विशेष पुजा केली जाते, ज्याला "व्यापार पूजन" किंवा "कार्यालय उद्घाटन पुजा" असेही म्हणतात. हिंदू धर्मात प्रत्येक शुभ कार्याची सुरुवात देवतांच्या पूजेशी जोडलेली असते.
या पूजेमध्ये भगवान गणपती, लक्ष्मी देवी आणि कुबेर देवाची पुजा केली जाते, जे व्यवसायात अडथळे दूर करून समृद्धी आणि यश प्रदान करतात.
हिंदू पंचांगानुसार शुभ तिथी आणि मुहूर्त पाहून पुजा करावी.
अक्षय तृतीया, दीपावली, मकर संक्रांती, चैत्र आणि कार्तिक महिन्यातील शुभ तिथी विशेष लाभदायक मानल्या जातात.
सोमवार, गुरुवार आणि शुक्रवार हे दिवस व्यवसायाच्या शुभारंभाविषयी उत्तम मानले जातात.
रोहिणी, पुष्य, मृगशिरा आणि उत्तराफाल्गुनी नक्षत्रांमध्ये पुजा करणे शुभ मानले जाते.
सर्वप्रथम, कार्यालयाची स्वच्छता आणि शुद्धीकरण केले जाते. मुख्य प्रवेशद्वाराजवळ तोरण आणि रांगोळी लावली जाते.
गणपती पूजन आणि वास्तु पूजन केले जाते. लक्ष्मी-कुबेर पूजन करून व्यवसाय वृद्धी आणि आर्थिक समृद्धीसाठी प्रार्थना केली जाते.
नवग्रह शांती आणि हवन करून संकल्प केला जातो. शेवटी प्रसाद वाटप आणि आशीर्वाद ग्रहण केले जातात.
ही पुजा नवीन व्यवसायासाठी शुभ फलदायी मानली जाते आणि यशप्राप्तीसाठी महत्त्वाची भूमिका बजावते.
नए कार्यालय या व्यवसाय के शुभारंभ के लिए एक विशेष पुजा की जाती है, जिसे "व्यापार पूजन" या "कार्यालय उद्घाटन पुजा" भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में प्रत्येक शुभ कार्य की शुरुआत देवताओं की पुजा से जुड़ी होती है।
इस पुजा में भगवान गणपति, देवी लक्ष्मी और कुबेर देव की पुजा की जाती है, जो व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर कर समृद्धि और सफलता प्रदान करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार शुभ तिथि और मुहूर्त देखकर पुजा करनी चाहिए।
अक्षय तृतीया, दीपावली, मकर संक्रांति, चैत्र और कार्तिक महीने की शुभ तिथियां विशेष लाभकारी मानी जाती हैं। सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार को शुरुआत के लिए उत्तम दिन माना जाता है। रोहिणी, पुष्य, मृगशिरा और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में यह पुजा करना शुभ माना जाता है।
सबसे पहले, कार्यालय की सफाई और शुद्धिकरण किया जाता है। मुख्य द्वार पर तोरण और रंगोली बनाई जाती है।
गणपति पूजन और वास्तु पूजन किया जाता है। लक्ष्मी-कुबेर पूजन कर व्यापार वृद्धि और आर्थिक समृद्धि की प्रार्थना की जाती है। नवग्रह शांति और हवन कर संकल्प लिया जाता है। अंत में प्रसाद वितरण और आशीर्वाद ग्रहण किया जाता है।
यह पुजा नए व्यापार के लिए शुभ मानी जाती है और सफलता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
A special ritual is performed for the auspicious inauguration of a new office or business, known as "Vyapar Poojan" or "Office Opening Pooja." In Hinduism, every auspicious event begins with the worship of deities.
This pooja includes the worship of Lord Ganesha, Goddess Lakshmi, and Lord Kuber, who help remove obstacles in business and bring prosperity and success.
According to the Hindu calendar (Panchang), this pooja should be performed on an auspicious date and time (Muhurat). Akshaya Tritiya, Diwali, Makar Sankranti, and the auspicious dates of Chaitra and Kartik months are considered highly beneficial.
Monday, Thursday, and Friday are the best days to start a new business. This pooja is considered auspicious when performed under Rohini, Pushya, Mrigashira, and Uttaraphalguni Nakshatras.
First, the office is cleaned and purified before the pooja. Torans and rangoli are placed at the main entrance for positive energy.
Ganpati Poojan and Vastu Poojan are performed to remove any Vastu doshas. Lakshmi-Kuber Poojan is done to seek blessings for business growth and financial prosperity.
Navgraha Shanti and Havan are performed to bring peace and success. The pooja concludes with prasad distribution and seeking blessings from elders and priests.
This pooja is considered highly auspicious for a new business and plays a significant role in achieving success.