गृहप्रवेश पुजा

गृहप्रवेश पूजेचा पार्श्वभूमी आणि वर्णन

गृहप्रवेश पुजा ही नवीन घरात प्रवेश करण्यापूर्वी किंवा त्याच दिवशी केली जाणारी धार्मिक प्रक्रिया आहे. हिंदू धर्मात घराला केवळ वास्तू मानले जात नाही, तर ते एक पवित्र स्थान आहे, जिथे कुटुंब एकत्र राहते, आनंद साजरा करतो आणि जीवनाची नवीन वाटचाल करतो.

हिंदू धर्मशास्त्रानुसार, नव्या घरात प्रवेश करण्यापूर्वी वास्तुशुद्धी आणि देवतांची कृपा प्राप्त करणे आवश्यक असते. या पूजेद्वारे भगवान गणपती, वास्तु देवता आणि इतर देवतांचे आशीर्वाद घेतले जातात. घरात सकारात्मक ऊर्जा यावी आणि नकारात्मक शक्ती दूर जाव्यात, यासाठी वेद मंत्रांचे पठण आणि हवन केले जाते.


गृहप्रवेशासाठी शुभ मुहूर्त कसा निवडायचा?

गृहप्रवेश करताना शुभ मुहूर्त असणे आवश्यक असते. हिंदू पंचांगानुसार योग्य तिथी, वार आणि नक्षत्र पाहून गृहप्रवेश करावा. विशिष्ट चंद्र दिवस जे शुभ मानले जातात, त्या दिवशी प्रवेश करावा.

रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, अनुराधा यासारखे अनुकूल नक्षत्र असल्यास गृहप्रवेश उत्तम. सोमवार किंवा गुरुवार हे दिवस विशेष शुभ मानले जातात.


गृहप्रवेश पुजा कशी करतात?

सर्वप्रथम गणपतीपूजन व कलशपूजन केले जाते. मंगल वाद्य आणि गुरुजींच्या मंत्रघोषात गृहलक्ष्मी (घरातील मुख्य स्त्री) दारातून दूध किंवा पाण्याने भरलेला कलश घेऊन प्रवेश करते.

नंतर संपूर्ण कुटुंब उजव्या पायाने घरात प्रवेश करते. नंतर शेगडीची पुजा करून दूध उतू घातले जाते, जे समृद्धीचे प्रतीक मानले जाते.


गृहप्रवेश पूजेचे फायदे
  • ✅ घरात सकारात्मक ऊर्जा आणि चैतन्य निर्माण होते.
  • वास्तु दोष आणि नकारात्मक शक्ती दूर होतात.
  • समृद्धी, सुख-शांती आणि आरोग्य लाभते.
  • ✅ घरातील सर्व सदस्यांना उत्तम आरोग्य आणि आनंद प्राप्त होतो.
  • ✅ देवी-देवतांचे आशीर्वाद मिळतात आणि संकटांपासून संरक्षण होते.

गृहप्रवेश पुजा नव्या घरात सकारात्मक वातावरण निर्माण करण्यासाठी व वास्तुदेवतेची कृपा प्राप्त करण्यासाठी अत्यंत आवश्यक आहे.

गृह प्रवेश पुजा

गृह प्रवेश पुजा की पृष्ठभूमि और विवरण

गृह प्रवेश पुजा नए घर में प्रवेश करने से पहले या उसी दिन की जाने वाली एक धार्मिक प्रक्रिया है। हिंदू धर्म में घर को केवल एक भवन नहीं माना जाता, बल्कि इसे एक पवित्र स्थान माना जाता है, जहां परिवार एक साथ रहता है, खुशियां मनाता है और जीवन की नई शुरुआत करता है।

हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार, नए घर में प्रवेश करने से पहले वास्तु शुद्धि और देवताओं की कृपा प्राप्त करना आवश्यक होता है। इस पुजा के माध्यम से भगवान गणपति, वास्तु देवता और अन्य देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और नकारात्मक शक्तियां दूर हों, इसके लिए वेद मंत्रों का पाठ और हवन किया जाता है।


गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त कैसे चुनें?

शुभ मुहूर्त होना आवश्यक होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सही तिथि, वार और नक्षत्र देखकर गृह प्रवेश किया जाना चाहिए।

विशेष चंद्र तिथियाँ जो शुभ मानी जाती हैं, उन पर प्रवेश करना चाहिए। यदि रोहिणी, मृगशिरा, रेवती या अनुराधा नक्षत्र हों, तो गृह प्रवेश और भी खास शुभ होता है। साथ ही सोमवार या गुरुवार जैसे सप्ताह के कुछ दिन विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।


गृह प्रवेश पुजा कैसे की जाती है?

सबसे पहले गणपति पूजन और कलश पुजा की जाती है। मंगल वाद्य और गुरुजी के मंत्रोच्चार के साथ गृहलक्ष्मी (घर की मुख्य सदस्य) दूध या पानी से भरा कलश लेकर प्रवेश करती हैं।

इसके बाद पूरा परिवार दाहिने पैर (उजवा पाय) आगे रखकर घर में प्रवेश करता है। फिर शेगड़ी पुजा कर दूध उबालकर उतारा जाता है, जिसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।


गृह प्रवेश पुजा के लाभ
  • ✅ घर में सकारात्मक ऊर्जा और चेतना उत्पन्न होती है।
  • वास्तु दोष और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
  • समृद्धि, सुख-शांति और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
  • ✅ घर के सभी सदस्यों को उत्तम स्वास्थ्य और आनंद प्राप्त होता है।
  • ✅ देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और संकटों से सुरक्षा होती है।

गृह प्रवेश पुजा नए घर में सकारात्मक वातावरण बनाने और वास्तु देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक मानी जाती है।

Griha Pravesh Puja

Background and Description of Griha Pravesh Puja

Griha Pravesh Puja is a religious ceremony performed before entering a new house or on the same day of moving in. In Hinduism, a house is not just a structure but a sacred place where the family lives together, celebrates happiness, and embarks on a new journey.

According to Hindu scriptures, before entering a new house it is essential to perform a purification ritual and seek the blessings of the deities. Through this puja, Lord Ganesha, Vastu Devata (the deity of architecture), and other divine forces are worshipped. To bring positive energy into the house and eliminate negative influences, Vedic mantras are chanted and a sacred fire ritual (havan) is performed during the ceremony.


How to Choose an Auspicious Muhurat for Griha Pravesh?

It is crucial to perform Griha Pravesh at an auspicious time. According to the Hindu calendar (Panchang), the ceremony should be conducted on an appropriate date, day, and under a favorable constellation (Nakshatra). Specific lunar days (Tithis) that are considered auspicious should be chosen. If favorable nakshatras such as Rohini, Mrigashira, Revati, and Anuradha are present, Griha Pravesh can be performed. Additionally, days like Monday and Thursday are also considered auspicious.


How is Griha Pravesh Puja Performed?

First, Ganpati Puja and Kalash Puja are performed. The main woman of the house enters with a Kalash filled with milk or water while Vedic mantras are chanted. The family then enters the house with their right foot first. Finally, the stove is worshipped, and boiling milk symbolizes prosperity.


Benefits of Griha Pravesh Puja
  • ✅ Brings positive energy and vitality into the house.
  • ✅ Eliminates Vaastu doshas (architectural imbalances) and negative influences.
  • ✅ Ensures prosperity, happiness, peace, and good health.
  • ✅ Blesses all family members with good health and joy.
  • ✅ Invokes the blessings of deities and provides protection from misfortunes.

Griha Pravesh Puja is considered essential for creating a positive atmosphere in the new home and seeking the grace of the Vastu deity.

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